उत्तराखंड परिवहन निगम में भ्रष्टाचार: उप महाप्रबंधक भूपेंद्र कुमार निलंबित
हाइलाइट्स
परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार निलंबित
भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया
अधिशासी निदेशक रीना जोशी ने सेवा नियमों के तहत कार्यवाही की
आय से अधिक संपत्ति: जांच में करीब 60 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च का खुलासा
मुख्यमंत्री-स्तर पर समीक्षा और मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति
हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज, जांच में सहयोग के निर्देश
मामला 2018-2023 की संपत्तियों/लेन-देन की छानबीन पर केंद्रित
संभावित अन्य दोषियों के खिलाफ भी जांच विस्तार
निगम कर्मचारियों में चर्चा, पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग
उत्तराखंड परिवहन निगम में भ्रष्टाचार रोधी अभियान के तहत वित्त विभाग के उप महाप्रबंधक भूपेंद्र कुमार को गंभीर आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने राज्य सतर्कता समिति की संस्तुति और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में लिए निर्णय के आधार पर की है। मामले का खुलासा मई 2023 में निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के पत्र से हुआ था, जिसमें कथित रुपयों के लेन-देन, पारिवारिक सदस्यों के खातों में अस्वाभाविक फंड ट्रांसफर और नकद राशि लेने के आरोप लगाए गए थे।
मामले की विस्तार से जानकारी
1. भ्रष्टाचार के आरोप और जांच का क्रम
अभियुक्त पर आरोप: निगम के अनुबंधित बस मालिकों से पारिवारिक खातों में रकम ट्रांसफर, लाखों रुपये नकद लिए जाने की शिकायत।
मुख्यमंत्री को पत्र: महासंघ द्वारा पारिवारिक नाम और बैंक विवरण भी मुहैया कराया गया।
मुख्यमंत्री ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए: जून 2023 से जांच शुरू; चेक अवधि: 1 जनवरी 2018 – 31 दिसंबर 2023।
जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष:
ज्ञात स्रोतों से आय: ₹1,82,37,376
कुल खर्च: ₹2,42,02,050
आमदनी से ₹59,64,674 अधिक खर्च, यानी आय से अधिक संपत्ति।
30 जून 2025 को राज्य सतर्कता समिति की बैठक में सर्वसम्मति से मुकदमा दर्ज करने का निर्णय।
2. विधिक कार्रवाई और निलंबन
मुख्यमंत्री ने मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की; विजिलेंस ने 17 जुलाई 2025 को भूपेंद्र कुमार पर भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखित रूप में दर्ज किया।
डीजीएम ने अग्रिम जमानत के लिए नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया लेकिन न्यायालय से राहत नहीं मिली।
अदालत का आदेश: जांच में सहयोग करें, देश से बाहर न जाएं।
प्रबंध निदेशक ने निगम सेवा विनियम के तहत तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया।
सामाजिक और स्थानीय प्रभाव
निगम के कर्मचारी-अधिकारी संगठन में इस प्रकरण की खासी चर्चा है—पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीद।
नैतिकता और सेवा नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ राज्य स्तर पर ठोस कार्रवाई का संदेश गया है।
युवाओं और कर्मचारी वर्ग में विश्वास—ऐसी कार्यवाही से संगठन और सरकार की बेहतरी के दावे पर बल।
भविष्य की दिशा—जांच पर नजर
विजिलेंस और सतर्कता विभाग ने जांच का दायरा विस्तारित करने की संभावना जताई है।
अन्य संबद्ध व्यक्तियों/पारिवारिक खातों की भी जांच चल रही है—आय के समुचित स्रोतों का मिलान जारी।
जवाबदेही और पारदर्शिता की दृष्टि से निगम प्रशासन को अन्य मामलों पर भी सख्त निगरानी रखने के निर्देश।
भूपेंद्र कुमार का निलंबन उत्तराखंड परिवहन निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित और ठोस कार्रवाई का उदाहरण है। यह प्रकरण दर्शाता है कि राज्य प्रशासन, मुख्यमंत्री और सतर्कता विभाग गंभीर आर्थिक अनियमितताओं को लेकर कठोर रुख अपना रहे हैं। निगमों-सरकारी संस्थाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवा नैतिकता के संवर्धन हेतु ऐसी कार्यवाही ज़रूरी है। कर्मचारी संगठन और आमजन अब आशा कर रहे हैं कि निगम प्रशासन अपनी कार्यशैली में सुधार लाएगा और किसी भी भ्रष्ट आचरण पर कारगर नियंत्रण रखेगा।



