अलर्ट: उत्तराखंड में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी – नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट
हाइलाइट्स
सभी 13 जिलों में सोमवार-मंगलवार को येलो अलर्ट जारी
कुमाऊं मंडल के तीन जिलों में ऑरेंज अलर्ट: नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर
भूस्खलन और बाढ़ का खतरा, नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका
64 सड़कें बंद, अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में
यात्रा से बचने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह
मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी निदेशक डॉ. रोहित थपलियाल की चेतावनी
वर्तमान मौसम स्थिति
3-4 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य भर में दो दिन तक मानसूनी बारिश का दौर जारी रहेगा।
जिलेवार अलर्ट स्थिति
ऑरेंज अलर्ट (भारी से अत्यधिक भारी बारिshaw)
| जिला | वर्षा पूर्वानुमान | विशेष चेतावनी |
|---|---|---|
| नैनीताल | 115-200 मिमी | भूस्खलन का उच्च जोखिम |
| चंपावत | 115-200 मिमी | नदियों में बाढ़ का खतरा |
| बागेश्वर | 115-200 मिमी | पहाड़ी सड़कों पर अवरोध |
येलो अलर्ट (भारी बारिश)
देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर
टिहरी, पौड़ी, चमोली
उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़
रविवार की बारिश का रिकॉर्ड
रविवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की गई:
| स्थान | वर्षा (मिमी में) |
|---|---|
| मोहकमपुर (देहरादून) | 25.6 |
| लैंसडौन | 31.5 |
| मसूरी | 4.3 |
| पंतनगर | 2.0 |
वर्तमान में सड़क परिस्थिति
64 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार वर्तमान में 64 सड़कें मलबे के कारण बंद हैं:
| जिला | बंद सड़कों की संख्या | प्रभावित क्षेत्र |
|---|---|---|
| उत्तरकाशी | 13 | सर्वाधिक प्रभावित |
| रुद्रप्रयाग | 11 | केदारनाथ मार्ग सहित |
| पिथौरागढ़ | 11 | कैलाश मानसरोवर मार्ग |
| देहरादून | 7 | मसूरी-धनौल्टी क्षेत्र |
| चमोली | 7 | बद्रीनाथ मार्ग |
| टिहरी | 5 | पर्वतीय क्षेत्र |
| नैनीताल | 4 | पहाड़ी सड़कें |
| बागेश्वर | 3 | ग्रामीण मार्ग |
| पौड़ी | 2 | कम प्रभावित |
| अल्मोड़ा | 1 | स्थानीय मार्ग |
कुल में से 52 सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं।
मौसम विभाग की विस्तृत चेतावनी
डॉ. रोहित थपलियाल का बयान
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी निदेशक डॉ. रोहित थपलियाल ने बताया:
“5 अगस्त तक प्रदेश के पर्वतीय जिलों में तेज दौर की बारिश होने की संभावना है। मानसून की सक्रियता के कारण नदी-नालों में पानी का स्तर बढ़ सकता है।”
चेतावनियां और सुझाव
🚨 तत्काल सावधानियां:
यात्रा से बचें, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में
नदी-नालों के पास न जाएं
भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर अपने पास रखें
⚠️ विशेष जोखिम:
भूस्खलन – पहाड़ी ढलानों पर
अचानक बाढ़ – नदी किनारे के इलाकों में
सड़क अवरोध – मलबे और पत्थर गिरने से
बिजली गिरना – खुले क्षेत्रों में
राज्य आपातकालीन तंत्र सक्रिय
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर
0135-2710335
0135-2710334
1070 (टोल फ्री)
9058441404
8218867005
बचाव दल तैनात
SDRF (राज्य आपदा मोचन बल) सभी जिलों में सक्रिय
NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) स्टैंडबाई मोड में
स्थानीय प्रशासन 24 घंटे अलर्ट पर
यात्रियों के लिए विशेष सलाह
तीर्थयात्रा मार्ग स्थिति
| तीर्थस्थल | मार्ग स्थिति | सुझाव |
|---|---|---|
| केदारनाथ | आंशिक बंद | यात्रा स्थगित करें |
| बद्रीनाथ | सावधानी के साथ | मौसम अपडेट देखें |
| गंगोत्री | कई स्थान अवरुद्ध | यात्रा न करें |
| यमुनोत्री | भूस्खलन का खतरा | अत्यधिक सावधानी |
पर्यटक स्थल
मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा में होटल बुकिंग से पहले स्थानीय स्थिति जांचें
रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी से बचें
कैंपिंग बिल्कुल न करें
कृषि पर प्रभाव
फसलों की स्थिति
धान की रोपाई के लिए अनुकूल बारिश
मक्का और मंडुआ की फसल को नुकसान की आशंका
सब्जी उत्पादन प्रभावित हो सकता है
फलों के बाग में जल भराव का खतरा
शहरी क्षेत्रों में तैयारी
देहरादून शहर
जल निकासी व्यवस्था की जांच की जा रही है
निचले इलाकों में जलभराव की संभावना
बिजली आपूर्ति में व्यवधान हो सकता है
यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है
अन्य शहर
हरिद्वार में गंगा आरती प्रभावित हो सकती है
ऋषिकेश में राफ्टिंग बंद
नैनीताल में नौका विहार स्थगित
मौसम का वैज्ञानिक विश्लेषण
मानसून की सक्रियता के कारण
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र
अरब सागर से नमी की आपूर्ति
हिमालयी क्षेत्र में मानसूनी हवाओं का टकराव
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
आगामी सप्ताह का पूर्वानुमान
6-7 अगस्त तक भारी बारिश जारी
8 अगस्त से हल्की कमी की संभावना
मध्यम बारिश का दौर 10 अगस्त तक चल सकता है
उत्तराखंड में अगले दो दिन अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है। मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सभी को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए। प्रशासन और बचाव दल पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन व्यक्तिगत सावधानी सबसे महत्वपूर्ण है।
कुमाऊं क्षेत्र विशेषकर नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर के निवासियों को अतिरिक्त एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर हमेशा अपने पास रखें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।



