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कैंचीधाम बाइपास के लिए आज से पहाड़ी कटान शुरू – जाम की समस्या से मिल सकती है राहत

कैंचीधाम बाइपास के लिए आज से पहाड़ी कटान शुरू – जाम की समस्या से मिल सकती है राहत

हाइलाइट्स

  • कैंचीधाम बाइपास परियोजना का पहाड़ी कटान का कार्य आज से शुरू

  • परियोजना की लंबाई 19 किलोमीटर, पहले चरण में 11 किमी कटान

  • भवाली-दूनीखाल और रातीघाट को जोड़ेगा बाइपास

  • लंबे समय से थी यातायात जाम की समस्या

  • पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण रुकी थी कार्यवाही

  • लोक निर्माण विभाग (PWD) ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कार्यवाही शुरू की

उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंचीधाम क्षेत्र में बढ़ती यातायात भीड़ और पर्यटकों की संख्या में हो रही तेज़ बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए शासन ने एक बड़ा आधारभूत ढांचा सुधार शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कैंचीधाम बाइपास परियोजना के पहाड़ी कटान का कार्य आज से प्रारंभ हो गया है। लंबे समय से रुकी यह योजना अब जमीन पर उतरने लगी है जिसके चलते स्थानीय लोगों और यात्रियों को आने वाले समय में जाम से राहत मिलने की पूरी उम्मीद बन गई है।

क्या है बाइपास परियोजना का उद्देश्य?

कैंचीधाम क्षेत्र, विशेषकर भवाली से कैंचीधाम और आगे रातीघाट तक, हर सप्ताहांत और त्योहारों पर भारी ट्रैफिक दबाव का सामना करता है। इसमें मुख्य समस्या होती है:

  • संकरे पहाड़ी मोड़

  • सिंगल लेन सड़कें

  • तीव्र चढ़ाई और अव्यवस्थित पार्किंग

  • बरसात और बर्फबारी में सड़क दुर्घटनाओं का खतरा

इसलिए सरकार ने इस बाइपास का निर्णय लिया:

  • कैंची धाम के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए वैकल्पिक मार्ग

  • भवाली से दूनीखाल और रातीघाट के बीच सीधा संपर्क

  • भीड़भाड़ को कम करना और ऑटोमोबाइल ट्रैफिक को डायवर्ट करना

  • कैंचीधाम क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देना

पहाड़ी कटान का कार्य – अब तक क्या हुआ?

  • लोक निर्माण विभाग (PWD) ने लगभग एक माह पूर्व 11 किमी खंड का टेंडर जारी किया था

  • लेकिन इस बीच राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के कारण आचार संहिता लागू हो गई थी

  • चुनावी प्रक्रिया पूरी होते ही टेंडर की स्वीकृति दी गई

  • अब शनिवार, 3 अगस्त 2025 से पहाड़ी कटान का कार्य शुरू कर दिया गया है

एसई मनोहर सिंह ने जानकारी दी:

शुक्रवार को तकनीकी टीम ने अंतिम स्थानों का निरीक्षण किया और शनिवार से मशीनरी तैनात कर काम शुरू कर दिया गया है।

परियोजना की लंबाई और चरणबद्ध निर्माण

चरणमार्ग लंबाई (किमी)कार्य स्थिति
पहला11 किमीकटान का कार्य प्रारंभ
दूसरा8 किमीभविष्य में विस्तार की योजना

पहाड़ी कटान समाप्त होते ही, अगले चरणों में कांक्रीट बेस, सड़क चौड़ाई, गार्ड रेल, एवं सिग्नल व्यवस्था जैसे तत्व जोड़े जाएंगे।

स्थानीय जनता का दृष्टिकोण

🚶♂️ स्थानीय निवासी: अजय मेहता (कैंचीधाम व्यापारी)

“हर शनिवार-रविवार को वाहन रेंगते हैं, कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है, यह बाइपास क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा।”

🚪 दुकानदार: विमला देवी

“कभी-कभी पर्यटक खुद गुस्से में हो जाते हैं कि रास्ता क्यों अचानक जाम हो गया, हमें भी परेशानी होती है।”

भविष्य में क्या मिलेगा लाभ

✅ यात्रा में समय की बचत

✅ पर्यावरणीय दबाव कम

✅ सड़क सुरक्षा में सुधार

✅ पर्यटन को बढ़ावा

✅ प्रशासनिक नियंत्रण में सहूलियत

साफ-सुथरी विकास प्रक्रिया की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी इलाकों में सडक निर्माण के दौरान:

  • धार्मिक और पर्यावरणीय संतुलन जरूरी है

  • लैंडस्लाइड सुरक्षा उपायरेन वाटर ड्रेनेज, और प्लांटेशन योजना को समानांतर शुरू करना चाहिए

  • स्थानीय लोगों को विस्थापन से बचाया जाए

कैंचीधाम बाइपास का कार्य वर्षों से लंबित था, लेकिन अब यह उत्तराखंड सरकार के प्राथमिक विकास कार्यों में स्थान पा चुका है। पहाड़ी कटान कार्य की शुरुआत के साथ यह परियोजना अब जाममुक्त कैंचीधाम और कुशल यातायात संपर्क की ओर पहला कदम है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि यह बाइपास न सिर्फ राहत देगा, बल्कि अर्थव्यवस्था, पर्यटन और आवागमन को भी नई ऊर्जा दे सकता है।

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