high (18)

बागेश्वर में इलाज में लापरवाही से डेढ़ साल के मासूम की मौत, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

बागेश्वर में इलाज में लापरवाही से डेढ़ साल के मासूम की मौत, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

 

देहरादून: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में इलाज में लापरवाही के चलते एक फौजी के डेढ़ साल के बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया है। मासूम की मौत की जानकारी जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिक पिता दिनेश चंद्र ने एक वीडियो के माध्यम से दी, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री का सख्त रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना को अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कुछ स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरती गई है।”

 

उन्होंने इस मामले को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए कुमाऊं आयुक्त को त्वरित जांच के निर्देश दिए। सीएम ने स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई गई, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

 

क्या है पूरा मामला?

चमोली जिले के चिड़िंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे शुभांशु जोशी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे तुरंत ग्वालदम अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पर्याप्त इलाज नहीं मिला। इसके बाद शुभांशु को बैजनाथ अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बागेश्वर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

 

जिला अस्पताल में बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हल्द्वानी रेफर किया गया। लेकिन, समय पर 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध न होने के कारण परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मजबूरी में सैनिक पिता को बागेश्वर डीएम से संपर्क करना पड़ा। डीएम के हस्तक्षेप के बाद रात करीब 9:30 बजे एंबुलेंस तो उपलब्ध हुई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। हल्द्वानी ले जाते समय शुभांशु ने रास्ते में दम तोड़ दिया।

 

सैनिक पिता ने उठाई आवाज

दिनेश चंद्र ने इस घटना का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और समय पर एंबुलेंस न मिलने की पीड़ा बयां की। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया और प्रशासन पर सवाल उठने लगे।

 

प्रशासन पर उठे सवाल

यह घटना उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे की कमियों को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और आपातकालीन सेवाओं की अनुपलब्धता एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस मामले में जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *