70,000 वेतन वाले अधिकारी के घर से 1.4 करोड़ नकद और सोना बरामद
मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स)
जैपुर वन रेंज के डिप्टी रेंजर रामा चंद्र नेपाक के 6 ठिकानों पर विजिलेंस टीम का छापा
एक फ्लैट से गुप्त तहखाने में छुपाकर रखा गया 1.4 करोड़ रुपए नकद, 4 सोने की ईंटें, 16 सोने के सिक्के बरामद
टीम में 6 डीएसपी, 5 इंस्पेक्टर, 9 एएसआई और स्टाफ शामिल
रकम और सोने की गिनती व वजन के लिए मशीनों का प्रयोग
सूत्रों के मुताबिक, सारी संपत्ति विशेष रूप से बनाए गए गुप्त खजाने में छिपाकर रखी गई थी
आरोपी का मासिक वेतन करीब ₹69,680 और कुल वेतन ₹76,880
भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति व अन्य धाराओं में आगामी कानूनी कार्रवाई संभव
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ओडिशा विजिलेंस विभाग ने शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को जैपुर वन रेंज के डिप्टी रेंजर रमा चंद्र नेपाक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति एवं भ्रष्टाचार के मामले में सख्त एक्शन लिया। छापामारी उनकी सरकारी व निजी संपत्तियों—कुल छह ठिकानों—पर एक साथ की गई।
छापेमारी के प्रमुख ठिकाने
गोल्डन हाइट्स रेजिडेंशियल अपार्टमेंट, फ्लैट नंबर 510 व 511, जैपुर
एनकेटी रोड पर पीआर पेट्टा स्थित पैतृक आवास
भुवनेश्वर में भाई का फ्लैट
जैपुर स्थित ससुराल
जैपुर वन रेंज कार्यालय
विजिलेंस टीम को सबसे बड़ा हाथ उस समय लगा जब फ्लैट नंबर 510 में गुप्त तहखाने से लगभग ₹1.4 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्कुट और 16 सोने के 10-10 ग्राम के सिक्के मिले। इनका मूल्यांकन फिलहाल किया जा रहा है।
डिप्टी रेंजर नेपाक की सेवा यात्रा
9 मार्च 1989: ग्राम वन कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति, कोरापुट
वर्तमान में: जैपुर वन रेंज के डिप्टी रेंजर
मासिक वेतन: ₹69,680 (कुल वेतन: ₹76,880)
नए खुलासे
जांच में खुलासा हुआ कि नेपाक ने संपत्ति को फ्लैट में छुपा रखा था, जो आम नजर से पूरी तरह ओझल था।
बरामद नकदी की गिनती और सोने की शुद्धता के लिए विभाग ने काउंटिंग और वेटिंग मशीनें मंगाईं।
विजिलेंस विभाग, विभिन्न धाराओं के तहत नेपाक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहा है।
अन्य ठिकानों और संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।
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यह मामला राज्य में सरकारी अधिकारियों की ईमानदारी, आय के स्रोत और जवाबदेही पर फिर कठोर सवाल उठाता है। विजिलेंस विभाग की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन बड़ी मात्रा में नकदी और सोने का मिलना सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रमाण देता है। ऐसे मामलों की गंभीर, निष्पक्ष जांच और सख्त सजा आवश्यक है ताकि राज्य में ईमानदार प्रशासनिक व्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।