उत्तराखंड में अगले 5 दिनों की भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी: जनपद वार मौसम अलर्ट जारी
हाइलाइट्स
उत्तराखंड के 12 से अधिक जिलों में अगले 5 दिन तक बारिश और आंधी-तूफान का खतरा
देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और बागेश्वर में सबसे ज्यादा भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी
पर्वतीय जिलों में गर्जन के साथ बिजली गिरने और तीव्र बारिश के दौर संभव
प्रशासन और नागरिकों के लिए जरूरी अलर्ट: संवेदनशील स्थानों पर सतर्कता और बचाव दल तैनात
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उत्तराखंड के लिए मौसम विभाग ने 25 से 29 जुलाई 2025 तक तीव्र मौसम प्रणाली के संकेत जारी किए हैं। राज्य के लगभग सभी जनपदों में गरज-चमक, आंधी और मूसलधार बारिश का खतरा बढ़ता दिख रहा है। विभाग ने नदी किनारे, पहाड़ी प्रवण क्षेत्रों और शहरी इलाकों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह चेतावनी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ गई है।
जनपदवार मौसम चेतावनी (25-29 जुलाई 2025)
25 जुलाई 2025
रुद्रप्रयाग एवं बागेश्वर: कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना
पर्वतीय क्षेत्र: गर्जन के साथ आकाशीय बिजली, तीव्र से अति तीव्र बारिश
26 जुलाई 2025
देहरादून, चम्पावत, नैनीताल: कुछ स्थानों पर भारी वर्षा
पर्वतीय क्षेत्र: गर्जन-बिजली, तीव्र वर्षा का दौर जारी
27 जुलाई 2025
नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर: काफी स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश
देहरादून, टिहरी, पौड़ी, पिथौरागढ़: कहीं-कहीं भारी बारिश
सभी जनपद: आकाशीय बिजली का खतरा, तीव्र बारिश
28 जुलाई 2025
देहरादून, टिहरी, नैनीताल, बागेश्वर: कई जगह भारी से बहुत भारी वर्षा
पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर: कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना
राज्य के सभी जनपद: आंधी-बिजली, तीव्र वर्षा के लक्षण
29 जुलाई 2025
देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर: कहीं-कहीं भारी वर्षा
सभी जनपद: तीव्र वर्षा, गरज-चमक, आकाशीय बिजली का अलर्ट
किन क्षेत्रों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत?
पर्वतीय जिले: रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी, नैनीताल, चम्पावत
मैदानी और शहरी क्षेत्र: देहरादून, उधमसिंह नगर
इन जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं बीते वर्षों में जान-माल की हानि का कारण बन चुकी हैं। ऐसे में अपेक्षाकृत संवेदनशील इलाकों (नदी किनारे, पहाड़ों की तलहटी, भूस्खलन संभावित क्षेत्र) में सतर्कता जरूरी है।
भारी बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन, सड़कें बंद होने, नदी-नालों में अचानक उफान आने, पुल या संकरी सड़कों के बहने, शहरी इलाकों में जलभराव जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। बिजली गिरने के कारण पशु और आमजन को जान का खतरा बना रहता है। आवश्यक है कि सरकार, आपदा प्रबंधन और आमजन समय रहते तैयार रहें।