स्कूल और पुलों का सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य: मुख्यमंत्री धामी का साफ संदेश
हाइलाइट्स
सभी स्कूल व पुल के भवनों का जल्द सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश
जर्जर स्कूलों में बच्चों को न बैठाने की प्रशासन को चेतावनी
स्कूल-भवन, पुल – दोनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण प्राथमिकता में
त्रियुगीनारायण सहित वेडिंग डेस्टिनेशन को विश्वस्तरीय बनाने के निर्देश
दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित करने को कहा
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देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों की सुरक्षा और प्रदेश के आधारभूत ढांचे की मजबूती पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अफसरों को सभी स्कूल भवन और पुलों की स्थिति पर सख्त निगरानी के निर्देश देते हुए किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।
स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट क्यों जरूरी?
प्रदेश के कई स्कूल आधुनिक सुविधाओं से दूर हैं, जहां जर्जर भवनों में पढ़ाई हो रही है। सीएम धामी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
निर्देश:
सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट करें
जर्जर/असुरक्षित स्कूलों में बच्चों को कतई न बैठाएं
योग्य भवनों की शीघ्र मरम्मत और असुरक्षित भवनों का पुनर्निर्माण
राज्य के पुल भी होंगे सुरक्षित
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कई पुल पुराने और कमजोर हो चुके हैं।
निर्देश:
सभी पुलों का भी तकनीकी ऑडिट
जिनकी स्थिति खराब, उनका शीघ्र मरम्मत/पुनर्निर्माण
पुलों की स्थिति पर लगातार निगरानी जरूर करें
सीएम ने त्रियुगीनारायण जैसे स्थलों को शादी के लिए आकर्षक केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता बताई। इसके अलावा,
प्रदेश में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन (SEZ) हेतु तेज कार्य
पर्यटन, संस्कृति, स्थानीय रोजगार और धार्मिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकेगा
- विकास में गुणवत्ता, सुविधा, सांस्कृतिक गरिमा व अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर सर्वश्रेष्ठ नीति बनाई जाए।
- बैठक में प्रमुख सचिव समेत विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विभागों को आपसी समन्वय से कार्य योजना तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री के नए निर्देश न केवल प्रदेश की आधारभूत संरचना को मजबूत करेंगे, बल्कि शिक्षा, पर्यटन और सुरक्षा में दूरगामी असर डालेंगे। अब देखना होगा कि इन योजनाओं का जमीनी क्रियान्वयन कितनी तत्परता व पारदर्शिता से होता है।