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आपात परिस्थितियों के लिए आयोग ने तय की पुनर्मतदान तिथियां

आपात परिस्थितियों के लिए आयोग ने तय की पुनर्मतदान तिथियां

📌 मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स)

  • 24 जुलाई को मतदान न हो पाने की स्थिति में पुनर्मतदान 28 जुलाई को होगा

  • 28 जुलाई को बाधित मतदान स्थानों पर पुनर्मतदान 30 जुलाई को आयोजित

  • 31 जुलाई को पूरी प्रक्रिया के बाद मतगणना

  • पुनर्मतदान की व्यवस्था केवल आपदा, दंगा, या विशेष परिस्थितियों तक सीमित

  • निर्वाचन आयोग का निर्णय – चुनाव तिथियों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

  • दूरस्थ और आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भेजीं खास पोलिंग पार्टियां, विशेष इंतज़ाम

🗳️

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 का माहौल चरम पर है। ऐसे में मौसम की अनिश्चितता, पर्वतीय दुर्गमता और संभावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने विशेष परिस्थितियों हेतु पुनर्मतदान व्यवस्था की घोषणा की है। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि मताधिकार के मौलिक अधिकार में कोई बाधा न आए और हर मतदाता को निष्पक्ष एवं निर्बाध चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी का अवसर मिले।

📅 मतदान और पुनर्मतदान की तिथियां

चरणतिथिसमययदि मतदान बाधित
पहला चरण24 जुलाईसुबह 08:00 से शाम 05:0028 जुलाई को पुनर्मतदान
दूसरा चरण28 जुलाईसुबह 08:00 से शाम 05:0030 जुलाई को पुनर्मतदान
मतगणना31 जुलाईप्रातः 08:00 बजे से

राज्य निर्वाचन आयुक्त राहुल कुमार गोयल ने स्पष्ट किया कि यह एक “विशेष प्रावधान” है और इससे मूल चुनाव कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह केवल उन स्थानों पर लागू होगा जहां आपात स्थिति में मतदान रुक जाता है – जैसे दंगाआपदा, अथवा अत्यधिक खराब मौसम

🔁 पुनर्मतदान हेतु निर्धारित प्रक्रिया

  1. मतदान रुकने पर कार्रवाई:
    मतदान के दिन ही संबंधित मतदान स्थल की स्थिति की रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा आयोग को भेजी जाएगी।

  2. निरीक्षण और संस्तुति:
    निरीक्षण के बाद आयोग की अनुमति से पुनर्मतदान की घोषणा होगी।

  3. प्रचार की व्यवस्था:
    जहां-जहां दोबारा मतदान होगा, वहां पूर्व सूचना के लिए डुगडुगी, मुनादी और स्थानीय सूचना तंत्र का उपयोग किया जाएगा।

  4. वन्य क्षेत्र/पहाड़ी मार्ग:
    दूरस्थ मतदान टोलियों को पहले से ही आरक्षित किया जाएगा ताकि समय पर पुनर्मतदान हो सके।

🚶‍♂️ दूरस्थ पोलिंग पार्टियों की तैनाती और सुरक्षा व्यवस्था

राज्य निर्वाचन आयोग ने पोलिंग पार्टियों को पैदल दूरी के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया है:

श्रेणी-1: 10 किमी से अधिक की दूरी

  • 8 पोलिंग पार्टियां पहले ही सोमवार (21 जुलाई) को रवाना

  • मुनस्यारी (पिथौरागढ़), ज्योतिर्मठ (चमोली) के दुर्गम गांवों में तैनाती

श्रेणी-2: 5-10 किमी की दूरी

  • मंगलवार (22 जुलाई) को रवाना

श्रेणी-3: 0-5 किमी की दूरी

  • बुधवार (23 जुलाई) को रवाना

चुनाव पर्यवेक्षक भी मतदान से दो दिन पहले अपने क्षेत्र में पहुँचेंगे।

⛈️ मानसून और आपदा के मद्देनज़र विशेष इंतज़ाम

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश, भूस्खलन और नदियों के उफान की संभावनाओं को देखते हुए पोलिंग पार्टियों को विशेष तैयारी के साथ भेजा जा रहा है:

  • बरसाती, छाते और छड़ियाँ

  • प्राथमिक उपचार किट व जरूरी दवाइयाँ

  • टॉर्च, खाद्य सामग्री

  • आपदा प्रबंधन विभाग की सतत निगरानी

राज्य निर्वाचन सचिव राहुल गोयल ने बताया कि:

“मानसून और आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव कर्मियों के लिए सभी आवश्यक सामग्री के साथ सुरक्षा इंतज़ाम पूरे कर लिए गए हैं।”

🔊 आज शाम थमेगा पहले चरण का प्रचार

राजकीय चुनाव नियमों के अनुसार, मतदान पूर्व 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। यानी मंगलवार (23 जुलाई) शाम 5 बजे पहले चरण (24 जुलाई) का प्रचार थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर संपर्क कर सकेंगे।

📍 विशेष सूचना

  • आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि यदि पुनर्मतदान आवश्यक हो तो पहले से अतिरिक्त मतदान टोलियाँ तैयार रखें।

  • कहीं भी स्थिति बिगड़ती है, तो तुरंत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट व संस्तुति भेजकर आवश्यकता अनुसार कार्रवाई की जा सके।

राज्य निर्वाचन आयोग का यह कदम दिखाता है कि मतदान का अधिकार सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुनर्मतदान की व्यवस्था से यह सुनिश्चित होता है कि आपात परिस्थितियों में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया न रुके।

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