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आयुष्मान योजना में बड़ा सुधार: अब मिलेगी जल्द और आसान उपचार सुविधा

आयुष्मान योजना में बड़ा सुधार: अब मिलेगी जल्द और आसान उपचार सुविधा

📌 मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स)

  • अस्पताल में भर्ती होते ही इलाज की प्रक्रिया होगी सरल और तेज

  • राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एप्रूवल प्रक्रिया को किया आसान

  • टीएमएस पोर्टल में बदलाव, तकनीकी दिक्कतों से जल्द राहत

  • राज्य अपने पोर्टल का करेगा संचालन, केंद्र पर निर्भरता होगी खत्म

  • कैबिनेट मंजूरी के बाद नया सिस्टम होगा लागू

  • निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में आयुष्मान लाभार्थियों को मिलेगा सहज इलाज

देश की सबसे प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के अंतर्गत हर गरीब और वंचित व्यक्ति को निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य रहा है। उत्तराखंड राज्य में इस योजना के संचालन को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बदलाव किया जा रहा है। अब आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती होते समय इलाज की मंजूरी प्रक्रिया पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल और समयबद्ध मिलेगी।

अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया अब होगी सहज

अब तक की प्रणाली में जब कोई मरीज आयुष्मान योजना के तहत इंपैनल्ड (मान्यता प्राप्त) अस्पताल में भर्ती होता है, तो इलाज शुरू होने से पहले अस्पताल को टीएमएस (ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। यह प्रक्रिया कई बार तकनीकी समस्याओं से जूझती थी क्योंकि इस पोर्टल का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के अंतर्गत होता था, जिस पर राज्य का सीधा नियंत्रण नहीं था।

परिणामस्वरूप यदि सर्वर डाउन हो या तकनीकी खामी हो, तो न केवल मरीज का इलाज प्रभावित होता था, बल्कि आपातकालीन स्थिति में जान को खतरा भी हो सकता था।

अब राज्य का अपना पोर्टल – केंद्रीकरण से मुक्ति

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए निर्णय लिया है कि अब राज्य का अपना पोर्टल विकसित करके इस पूरी प्रक्रिया को स्वतंत्र रूप से संचालित किया जाएगा। इससे दो प्रमुख लाभ होंगे:

  • तकनीकी खराबी या रुकावट होने पर राज्य खुद तुरंत हस्तक्षेप कर पाएगा

  • केंद्र पर निर्भरता कम होगी जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और लचीलापन बढ़ेगा

रीना जोशी, सीईओ, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार:

“आयुष्मान योजना की कार्यप्रणाली को सुधारते हुए हमने ऑनलाइन पोर्टल के नियमों को सरल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस संदर्भ में प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, और कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई व्यवस्था अमल में लाई जाएगी।”

नई प्रणाली से क्या प्रभाव होंगे?

पहलूवर्तमान दशानई व्यवस्था
एप्रूवल प्रक्रियापोर्टल के माध्यम से, केंद्र पर निर्भरराज्य के पोर्टल से, त्वरित और स्थानीय
तकनीकी दिक्कतबाधा उत्पन्न करती हैंराज्य द्वारा तुरंत समाधान संभव
उपचार शुरुआतदेरी संभवतत्काल इलाज संभव
छोटे अस्पतालों की भागीदारीरुक-रुक कर कामनियमित और भरोसेमंद

मरीजों और अस्पतालों को होगा सीधा लाभ

  1. मरीजों को त्वरित इलाज: अब आपातकाल जैसी स्थिति में उपचार बिना देर के शुरू हो पाएगा।

  2. अस्पतालों की सुविधा: छोटे और ग्रामीण अस्पतालों को पोर्टल संबंधी परेशानी से राहत मिलेगी।

  3. निगरानी और पारदर्शिता: राज्य पीठ से मॉनिटरिंग बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।

  4. तेजी से क्लेम निपटान: मंजूरी प्रक्रिया आसान होने से अस्पतालों को भुगतान भी समय पर मिलेगा।

तकनीकी बदलाव के साथ नीति सुधार

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा पोर्टल संचालन का काम स्थानीय तकनीकी एजेंसियों के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें मरीज के दस्तावेज़ अपलोड करना, ऑथेंटिकेशन, दवा की स्वीकृति, और उपचार विवरण सब डिजिटल रूप से हो सकेगा। नया सिस्टम मोबाइल और टैब आधारित पोर्टेबिलिटी भी देगा, जिससे दूरदराज क्षेत्रों में भी इलाज में सुगमता होगी।

खास बात – हर जिले में लागू होगा सुधार

  • प्रत्येक जिले में सरकारी और निजी इंपैनल्ड अस्पतालों को नए बदलावों की जानकारी दी जा रही है।

  • सभी अस्पतालों को नए पोर्टल के लिए बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) और टीएमएस ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि तकनीकी कार्य में कोई बाधा न आए।

  • राज्य सरकार द्वारा जल्द ही एक सूचना अभियान (Awareness Drive) भी चलाया जाएगा, जिससे मरीज और उनके परिजन समय रहते लाभ उठा सकें।

आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य रहा है कि हर जरूरतमंद को बिना आर्थिक रुकावट के समुचित इलाज मिले। उत्तराखंड में प्रतिष्ठित योजना के तकनीकी और प्रक्रियात्मक सरलीकरण से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गति बढ़ेगी, बल्कि आम नागरिक का भरोसा भी और मजबूत होगा। आने वाले दिनों में यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकता है।

आशा है कि ये सुधार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को तेजी और पारदर्शिता की दिशा में और सुदृढ़ बनाएंगे।

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