बरेली में 200 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराने का आरोपी गिरफ्तार
मुख्य बिंदु:
- आरोपी लालजी मूलतः मऊ जिले का निवासी है, वर्ष 2002 से फरीदपुर में रह रहा था
- अब तक 200 से अधिक लोगों के धर्मांतरण की बात सामने आई, पुलिस को चार डायरियों से सबूत मिले
- धर्मांतरण के लिए लालच: नौकरी, रुपये, मकान व विवाह जैसे प्रलोभन
- हिंदू जागरण मंच ने कराया खुलासा, आरोपी की सभा में जाकर जुटाए प्रमाण
बरेली (उत्तर प्रदेश), 15 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने करीब 200 से अधिक लोगों का धर्मांतरण करवा डाला। फरीदपुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। आरोपी की पहचान लालजी नामक व्यक्ति के रूप में हुई है, जो मूल रूप से मऊ जिले का निवासी है।
पुलिस को मिले पुख्ता सबूत, चार डायरियों में दर्ज नाम
फरीदपुर पुलिस द्वारा की गई जांच में आरोपी के कमरे से चार डायरियां, धार्मिक पुस्तकें, बाइबिल आदि बरामद की गई हैं। इन डायरियों में क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के नाम दर्ज हैं और प्रत्येक नाम के आगे लिखा गया है – “उपदेश दे दिया गया” इससे पुलिस को संदेह है कि यह योजनाबद्ध धर्मांतरण का हिस्सा था।
धर्मांतरण के पीछे लालच और मानसिक प्रभाव
पुलिस के अनुसार लालजी ने खासकर आर्थिक रूप से कमजोर, अशिक्षित महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को निशाना बनाया। आरोप है कि वह रुपये, नौकरी, आवास, चिकित्सा सहायता और विवाह जैसे प्रलोभनों के माध्यम से उन्हें ईसाई धर्म अपनाने को प्रेरित करता था।
हिंदू जागरण मंच ने किया खुलासा
स्थानीय स्तर पर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता सुनील कुमार ने इस गतिविधि की जानकारी प्राप्त की और स्वयं लालजी की सभा में पहुंचकर इसकी पुष्टि की। इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई, जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी को विधिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया।
आरोपी का अतीत: बीमारी से बदली सोच?
जांच में सामने आया कि लालजी वर्ष 2002 से फरीदपुर में रह रहा था। वर्ष 2008 में वह ब्रेन हैमरेज के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हुआ था। वहीं वह एक ईसाई डॉक्टर और नर्स से प्रभावित हुआ और तभी से उसकी सोच में बदलाव आया। इसके बाद उसने अपने निजी जीवन में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया और फिर धीरे-धीरे अन्य लोगों को भी प्रभावित करने लगा।
बैंक खाता और मोबाइल की भी होगी जांच
एएसपी अंशिका वर्मा के अनुसार, आरोपी के मोबाइल, बैंक खातों और आर्थिक स्रोतों की भी जांच की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह भी हो सकता है जो धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग का सहारा ले रहा हो।
पुलिस का बयान: गंभीर धाराओं में केस दर्ज
फरीदपुर थानाध्यक्ष राधेश्याम ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध धर्मांतरण अधिनियम के साथ-साथ अन्य आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही और कई अहम जानकारियाँ सामने आ सकती हैं।
स्थानीय लोगों में बढ़ी चिंता, सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय जनमानस में काफी नाराजगी देखी गई। कई संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में कठोरतम कार्रवाई की जाए और यदि कोई नेटवर्क इसके पीछे है, तो उसका भी खुलासा हो।
धर्मांतरण पर सतर्कता आवश्यक
यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि धर्मांतरण जैसे विषय किस प्रकार सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकते हैं। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे प्रयासों के प्रति सतर्क और जागरूक रहना होगा ताकि कोई भी व्यक्ति लालच, दबाव या मानसिक प्रभाव के आधार पर अपने धर्म को छोड़ने को मजबूर न हो।