टेकऑफ के 20 सेकंड बाद विमान हादसा: पायलट की गलती या तकनीकी खराबी? प्रारंभिक जांच में सामने आई वजह
न्यूज़ डेस्क, 12 जुलाई 2025: पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की उड़ान AI171 के टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, जबकि जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई। केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच निकला। भारत के सबसे घातक विमान हादसों में से एक की जांच अब तेजी से चल रही है, और प्रारंभिक रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं: क्या यह हादसा पायलट की गलती थी, या तकनीकी खराबी ने इस त्रासदी को जन्म दिया?
क्या हुआ था उस दिन?
12 जून को दोपहर 1:38 बजे (स्थानीय समय) बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जिसे कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर संचालित कर रहे थे, ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरी। विमान में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट सवार थे। यह लंदन गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रहा था और इसमें लगभग 54,200 किलोग्राम ईंधन भरा था। लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद, विमान ने ऊंचाई हासिल करने में असफलता दिखाई और केवल 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सका। इसके बाद, यह तेजी से नीचे की ओर गिरने लगा और हवाई अड्डे से 1.5 किलोमीटर दूर मेघानी नगर के एक आवासीय क्षेत्र में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर जा गिरा, जिसके बाद एक विशाल अग्निकांड हुआ।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के अनुसार, टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए, जिसके कारण इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “आपने ईंधन क्यों बंद किया?” जिसका जवाब दूसरा पायलट देता है, “मैंने ऐसा नहीं किया।” इसके तुरंत बाद, पायलटों ने स्विच को वापस ‘RUN’ स्थिति में करने की कोशिश की, लेकिन विमान को बचाने का समय नहीं था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विमान का रैम एयर टरबाइन (RAT), जो आपातकालीन बिजली आपूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है, टेकऑफ के बाद तुरंत सक्रिय हो गया था। यह इस बात का संकेत है कि विमान को गंभीर बिजली या हाइड्रोलिक विफलता का सामना करना पड़ा। हालांकि, RAT केवल महत्वपूर्ण उड़ान नियंत्रणों को चालू रखने के लिए पर्याप्त शक्ति प्रदान करता है, न कि पूरे विमान को उड़ाने के लिए।
क्या थी संभावित वजह?
जांचकर्ता कई संभावित कारणों पर विचार कर रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा मानवीय भूल का परिणाम हो सकता है। हालांकि, पूर्व भारतीय पायलट शक्ति लुंबा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “कोई भी पायलट टेकऑफ के दौरान दोनों इंजनों को बंद नहीं करेगा। यह बिल्कुल असंभव है।” उन्होंने सुझाव दिया कि थ्रस्ट कंट्रोल मालफंक्शन एकॉममोडेशन (TCMA) सॉफ्टवेयर, जो आपात स्थिति में इंजन वाल्व को बंद करने का आदेश दे सकता है, इस हादसे का कारण हो सकता है।
अन्य संभावनाओं में बर्ड स्ट्राइक और फ्लैप सेटिंग्स में त्रुटि शामिल हैं। हालांकि, AAIB की रिपोर्ट ने बर्ड स्ट्राइक की संभावना को खारिज कर दिया, क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में उड़ान पथ पर कोई महत्वपूर्ण पक्षी गतिविधि नहीं दिखी। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी अनुमान लगाया कि फ्लैप्स का गलत कॉन्फिगरेशन या समय से पहले रिट्रैक्शन इस हादसे का कारण हो सकता है, लेकिन प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि फ्लैप्स टेकऑफ के लिए सही स्थिति में थे।
लैंडिंग गियर का रहस्य
हादसे के सीसीटीवी फुटेज में एक और असामान्य बात सामने आई: विमान का लैंडिंग गियर टेकऑफ के बाद भी पूरी तरह से रिट्रैक्ट नहीं हुआ था। आमतौर पर, पायलट टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही लैंडिंग गियर को रिट्रैक्ट कर लेते हैं ताकि हवा में प्रतिरोध कम हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हाइड्रोलिक या इलेक्ट्रिकल सिस्टम की विफलता का संकेत हो सकता है।
पायलटों का अनुभव
कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था, और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, जिन्होंने 1,100 घंटे की उड़ान भरी थी, दोनों को ही अनुभवी माना जाता था। जांच में पाया गया कि दोनों पायलट चिकित्सकीय रूप से फिट थे और पर्याप्त आराम के बाद ड्यूटी पर थे। इसने मानवीय भूल की संभावना को और जटिल बना दिया है।