ऑपरेशन कालनेमि: देवभूमि में फर्जी बाबाओं की धज्जियां उड़ीं, 25 गिरफ्तार, एक बांग्लादेशी भी शामिल
हाइलाइट्स
- देहरादून पुलिस ने साधु वेश में घूम रहे 25 फर्जी बाबाओं को किया गिरफ्तार
- सहसपुर से पकड़ा गया एक व्यक्ति निकला बांग्लादेशी नागरिक, विदेशी अधिनियम के तहत केस
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर चला ऑपरेशन “कालनेमि”
- धार्मिक आस्था और सुरक्षा को खतरा मानते हुए प्रशासन सख्त
- फर्जी बाबाओं की जांच-पड़ताल का अभियान लगातार जारी रहेगा
उत्तराखंड, जिसे देवभूमि कहा जाता है, वहां आस्था और श्रद्धा के नाम पर चल रही फर्जी साधु संस्कृति को बेनकाब करने के लिए पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए गए “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत देहरादून पुलिस ने 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इन पर शांतिभंग करने और पहचान छुपाकर समाज को गुमराह करने का आरोप है।
इस अभियान के तहत सहसपुर से पकड़ा गया एक व्यक्ति बांग्लादेश का नागरिक निकला, जिस पर विदेशी अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है।
ऑपरेशन कालनेमि: फर्जी साधुओं पर सख्ती की शुरुआत
मुख्यमंत्री धामी ने देवभूमि की पवित्रता बनाए रखने और लोगों की धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस निर्देश पर देहरादून एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चेकिंग अभियान चलाया।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार –
“सभी थानों को निर्देशित किया गया था कि वे अपने क्षेत्र में साधु वेश में घूमने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करें और यदि कोई संदिग्ध हो तो कार्रवाई करें।”
पकड़े गए सभी लोग स्वयं को संत, योगी, या साधु बता रहे थे, लेकिन कोई धार्मिक संस्था से जुड़ाव नहीं था, न ही कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध करवा पाए। कई लोग तो भिक्षाटन और अंधविश्वास फैलाकर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे थे।
गिरफ्तार लोगों में कई अलग-अलग राज्यों से थे:
- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, असम, और उत्तराखंड के कई हिस्सों से
- बांग्लादेशी नागरिक शाह आलम उर्फ रुकन रकम – विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा
- अधिकतर के पास स्थाई पते, पहचान पत्र या धर्म से जुड़ी प्रमाणिकता नहीं
गिरफ्तार सभी 24 लोगों को शांतिभंग की धारा के तहत गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। उन्हें हिदायत देकर जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
वहीं बांग्लादेशी नागरिक (रुकन रकम उर्फ शाह आलम – बांग्लादेशी नागरिक, सहसपुर से गिरफ्तार) के मामले में आईबी और एलआईयू की टीमें पूछताछ कर रही हैं।
क्यों जरूरी है ये ऑपरेशन?
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा और अन्य धार्मिक स्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में फर्जी साधु, नकली बाबाओं और धार्मिक वेश में अपराधियों के कारण श्रद्धालु भ्रमित और ठगे जाते हैं।
धार्मिक पर्यटन और राज्य की पहचान को बनाए रखने के लिए इस तरह की कार्रवाई आवश्यक और समय की मांग बन चुकी है।
पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन कालनेमि केवल एक बार का प्रयास नहीं, बल्कि लगातार चलने वाला विशेष अभियान होगा।
- सभी धार्मिक स्थलों, गंगा घाटों, तीर्थों और प्रमुख बाजारों में सघन चेकिंग
- स्थानीय लोगों से सूचनाएं एकत्र कर कार्रवाई
- संदिग्धों की डिजिटल पहचान और निगरानी