गुरुग्राम में सड़क धंसने से ट्रक समाया विशाल गड्ढे में : वीडियो
🟠 हाइलाइट्स (मुख्य बिंदु):
- बुधवार देर रात गुरुग्राम में भारी बारिश, SPR रोड का हिस्सा धंसा
- तेज बारिश में ट्रक गड्ढे में समाया, चालक को मामूली चोटें
- दिल्ली-एनसीआर में 12 घंटे में 133 मिमी बारिश, 90 मिनट में ही 103 मिमी
- शहर के अंडरपास और प्रमुख सड़कें जलमग्न, रातभर लगा ट्रैफिक जाम
- मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट, अगले 48 घंटे और भी भारी
पानी ने तोड़ी शहर की रफ्तार
हरियाणा के गुरुग्राम में बुधवार की रात एक सामान्य बारिश की तरह शुरू हुई, लेकिन धीरे-धीरे यह बारिश शहर के लिए एक बड़ी आपदा बन गई। करीब रात 10:30 बजे, जब तेज बारिश का दौर चल रहा था, तभी साउथर्न पेरिफेरल रोड (SPR) का एक हिस्सा अचानक धंस गया। इसी दौरान वहां से गुजर रहा एक ट्रक विशाल गड्ढे में जा गिरा।
हादसे के वक्त सड़क पर मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। राहत की बात यह रही कि ट्रक चालक को गंभीर चोट नहीं आई। स्थानीय पुलिस ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया।
#WATCH | A truck has been stuck in a ditch at Gurugram’s Southern Peripheral Road since last night. The ditch was formed when a part of the road caved in while the truck was travelling on it. pic.twitter.com/8qZbpQ9gWf
— ANI (@ANI) July 10, 2025
सीवर लाइन की खुदाई बनी हादसे की वजह?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, SPR रोड पर हाल ही में सीवर लाइन से संबंधित मरम्मत कार्य हुआ था। यह आशंका जताई जा रही है कि काम अधूरा या तकनीकी रूप से कमजोर रहा होगा, जिससे मिट्टी धंस गई और सड़क कमजोर होकर भारी बारिश का दबाव नहीं झेल सकी।
इस तरह की घटनाएं शहरी योजनाओं और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। क्या यह हादसा मानव लापरवाही का नतीजा था? क्या सरकारी विभागों ने काम की गुणवत्ता की जांच की थी? ये सवाल अब जनता और प्रशासन दोनों को परेशान कर रहे हैं।
रिकॉर्डतोड़ बारिश ने मचाई तबाही
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुग्राम में केवल 12 घंटे में 133 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसमें से 103 मिमी वर्षा महज 90 मिनट के भीतर हो गई। इस अत्यधिक वर्षा ने शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी।
गुरुग्राम के वजीराबाद क्षेत्र में भी 122 मिमी बारिश हुई। इन आंकड़ों से साफ है कि यह सामान्य मानसून की बारिश नहीं थी, बल्कि एक मूसलाधार आपदा थी, जो शहरी जीवन को अस्त-व्यस्त कर गई।
शहर के प्रमुख हिस्से जलमग्न
बारिश के बाद शहर की तस्वीर भयावह बन गई। बसई, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, राजीव चौक, शीतला माता रोड, सदर बाजार, बस अड्डा रोड सहित कई रिहायशी इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई।
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे का नरसिंहपुर हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया। सुभाष चौक पर तो स्थिति इतनी गंभीर थी कि वहां पानी का स्तर 2.5 फीट तक पहुंच गया। कई लोग देर रात 2 बजे तक ट्रैफिक में फंसे रहे, खासकर वे जो ऑफिस से लौट रहे थे या जरूरी काम से निकले थे।
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने दी चेतावनी
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सचेत किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
“शहर में कई जगहों पर भारी जलभराव है। इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। कृपया गैर-जरूरी यात्रा से बचें और संभव हो तो घर से काम करें।”
ट्रैफिक विभाग ने संवेदनशील स्थानों की सूची जारी की है और कर्मचारियों को प्रमुख चौराहों पर तैनात किया है। इसके बावजूद जल निकासी की कमी के कारण जाम की स्थिति बनी हुई है।
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग ने गुरुग्राम और आसपास के इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले 24 से 48 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान तेज हवा, बिजली गिरने और जलभराव की स्थिति बनी रह सकती है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में सुरक्षित रहें, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक यात्रा से बचाया जाए।
हर साल बारिश में गुरुग्राम जैसे आधुनिक शहरों में सड़कों का डूबना यह संकेत है कि प्रशासन सिर्फ इमारतें बना रहा है, शहर नहीं। विशेषज्ञों की राय में ज़रूरी है कि हर साल मानसून से पहले ड्रेनेज की सफाई, सीवर की निगरानी, और सड़क निरीक्षण अनिवार्य रूप से हो।
गुरुग्राम में सड़क धंसाव और रिकॉर्डतोड़ बारिश की यह घटना हमें यह सिखाती है कि केवल ऊंची इमारतें बनाना ही प्रगति नहीं है। असली विकास वह होता है, जिसमें शहर बाढ़, बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं को झेलने की क्षमता रखे।
अब वक़्त है कि शहरी योजनाकार, इंजीनियरिंग एजेंसियां और प्रशासन मिलकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करें, ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।