उत्तराखंड: रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया सरकारी कर्मचारी, सतर्कता टीम की बड़ी कार्रवाई
हरिद्वार। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान के तहत सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने एक और भ्रष्टाचारी सरकारी कर्मचारी को रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई शुक्रवार को हरिद्वार जिले के मंगलौर स्थित सहायक चकबंदी अधिकारी कार्यालय में की गई, जहां लिपिक विनोद कुमार को ₹2,100 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
शिकायत पर बनी योजना, मौके पर पकड़ा गया आरोपी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान देहरादून सेक्टर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भाई से, अपनी बुआ से खरीदे एक प्लॉट की दाखिल–खारिज प्रक्रिया के लिए लिपिक विनोद कुमार अवैध रूप से रिश्वत मांग रहा है।
शिकायत की जांच में पुष्टि होने के बाद सतर्कता टीम ने योजनाबद्ध तरीके से ट्रैप लगाया और आरोपी को कार्यालय में ही रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
संपत्ति की जांच भी शुरू
गिरफ्तारी के बाद सतर्कता टीम ने आरोपी के निवास स्थान और अन्य संभावित ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। साथ ही उसके पास मौजूद चल–अचल संपत्तियों के स्रोत की भी जांच की जा रही है।
सतर्कता निदेशक ने टीम को किया पुरस्कृत
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन ने इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
जनता से सहयोग की अपील
सतर्कता अधिष्ठान ने राज्य की जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी अपने पदीय कार्यों के बदले रिश्वत मांगता है या आय से अधिक संपत्ति अर्जित करता है, तो उसकी जानकारी तुरंत साझा करें।
इसके लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क किया जा सकता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई तभी सफल हो सकती है जब आम नागरिक जागरूक होकर आगे आएं।