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गढ़वाल मंडल के स्कूलों में बड़ा बदलाव: सात जनपदों में बनेंगे 300 क्लस्टर विद्यालय

गढ़वाल मंडल के स्कूलों में बड़ा बदलाव: सात जनपदों में बनेंगे 300 क्लस्टर विद्यालय

कम छात्र संख्या और अधिक दूरी वाले स्कूलों को एकीकृत कर शिक्षा को मिलेगा नया रूप

पौड़ी। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में स्कूली शिक्षा को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी स्कूलों को “क्लस्टर विद्यालयों” के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था को अधिक संगठित और संसाधनयुक्त बनाया जा सके।

क्यों हो रही है क्लस्टर विद्यालयों की शुरुआत?

सरकारी स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता सुधारने और घटती छात्र संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या और दूरस्थ स्थानों पर स्थित विद्यालयों को एकीकृत कर क्लस्टर विद्यालय बनाने की योजना शुरू की है। यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लागू की जा रही है।

अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल, कंचन देवराड़ी के अनुसार,

“गढ़वाल मंडल में लगभग 300 क्लस्टर विद्यालय बनाए जा रहे हैं। सर्वेक्षण कार्य तेजी से चल रहा है और पहले चरण में जुलाई से कुछ विद्यालयों को क्लस्टर स्कूलों के रूप में संचालित किया जाएगा।गढ़वाल मंडल में करीब 300 कलस्टर विद्यालय बनाए जाने हैं। कलस्टर विद्यालयों का सर्वे और अन्य कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। सर्वे के बाद जनपदवार इनकी संख्या घट सकती है। प्रथम चरण में जुलाई महीने से कुछ स्कूलों को कलस्टर विद्यालयों के रूप में संचालित किया जाएगा”

किस जिले में कितने विद्यालय?

गढ़वाल मंडल के सात जनपदों में प्रस्तावित क्लस्टर विद्यालयों की संख्या इस प्रकार है:

जनपदविद्यालयों की संख्या
पौड़ी79
टिहरी78
देहरादून43
उत्तरकाशी29
रुद्रप्रयाग21
हरिद्वार17

पौड़ी जिले में ब्लॉकवार स्थिति

पौड़ी जनपद में सबसे अधिक 79 क्लस्टर विद्यालय बनने हैं। इनमें प्रमुख विकासखंडों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:

विकासखंडविद्यालयविकासखंडविद्यालय
द्वारीखाल6थलीसैंण9
बीरोंखाल6जयहरीखाल5
यमकेश्वर6कल्जीखाल5
कोट6पौड़ी4
नैनीडांडा6पाबी4
रिखणीखाल4एकेश्वर3
दुगड्डा7खिर5

क्या होंगे लाभ?

  • 10 किलोमीटर तक की दूरी वाले छोटे विद्यालयों को एकीकृत कर एक मजबूत संस्थान बनाया जाएगा।
  • इन विद्यालयों को बेहतर भवन, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
  • उच्च प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को इन स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा।
  • पहले चरण में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर के स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों में बदला जाएगा।

क्लस्टर विद्यालयों के गठन से उन छात्रों को लाभ मिलेगा, जो अब तक दुर्गम और दूरस्थ इलाकों में सुविधाओं के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते थे। साथ ही, यह पहल शिक्षा में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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