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केदारनाथ: हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सात श्रद्धालुओं की मौत

केदारनाथ: हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सात श्रद्धालुओं की मौत

रुद्रप्रयाग | संवाददाता

रविवार सुबह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में एक बड़ा हादसा हुआ जब केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर लौट रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह दुर्घटना गौरी माई खर्क नामक क्षेत्र में सुबह करीब 5:20 बजे हुई, जो गौरीकुंड से लगभग 5 किलोमीटर ऊपर स्थित है।

आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ मंदिर से श्रद्धालुओं को लेकर गुप्तकाशी की ओर लौट रहा था। लेकिन खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण यह पहाड़ी ढलान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें सभी की मृत्यु की पुष्टि हुई है।

मरने वालों में किन राज्यों के श्रद्धालु थे?

उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड से थे। मृतकों की पहचान निम्नानुसार की गई है:

  • श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (35 वर्ष), महाराष्ट्र
  • काशी (2 वर्ष), महाराष्ट्र
  • राजकुमार सुरेश जायसवाल (41 वर्ष), गुजरात
  • विक्रम रावत, उत्तराखंड (केदारनाथ)
  • विनुद देवी (66 वर्ष), उत्तर प्रदेश
  • तुष्टि सिंह (19 वर्ष), उत्तर प्रदेश
  • कैप्टन राजवीर सिंह चौहान (पायलट)

राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमें

घटना की जानकारी मिलते ही गौरीकुंड से SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। इलाके की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और ऊंचाई के कारण राहत कार्य में चुनौतियां आईं, लेकिन सभी शव बरामद कर लिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग ज़िले में हेलिकॉप्टर दुर्घटना की दुखद खबर मिली है। राहत एवं बचाव दल घटनास्थल पर मौजूद हैं और सभी यात्रियों के परिजनों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं पर फिर उठे सवाल

यह हादसा उस समय हुआ जब चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की मांग चरम पर होती है। इससे पहले भी केदारनाथ मार्ग पर हेलिकॉप्टरों के तकनीकी खराबी या मौसम के कारण आपात लैंडिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। अब एक बार फिर इन सेवाओं की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

हेलीकॉप्टर सेवा पर लगी अस्थायी रोक, सख्त एसओपी की तैयारी

आज शनिवार को केदारनाथ के गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद चारधाम यात्रा के दौरान मिलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा पर अगले आदेश तक अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य में हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर सख्त एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए एक सख्त ढांचा तैयार किया जाएगा, जिसमें उड़ान से पूर्व हेलीकॉप्टर की तकनीकी जांच और मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य होगा।

विशेषज्ञों की टीम करेगी तकनीकी समीक्षा

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाए, जो हेलीकॉप्टर सेवाओं की सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और मानकों के अनुसार हो।

पुराने हादसों की भी होगी जांच

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समिति हालिया दुर्घटना के साथ-साथ राज्य में पहले हुए हेलीकॉप्टर हादसों की भी जांच करेगी। समिति हर दुर्घटना के कारणों का गहन विश्लेषण करेगी और यदि किसी व्यक्ति या संस्था की लापरवाही सामने आती है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं में हेली सेवाओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

केदारनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए यह हादसा एक बड़ा झटका है। यह घटना दर्शाती है कि कठिन भौगोलिक क्षेत्र में चलने वाली हवाई सेवाओं में उच्च स्तरीय सुरक्षा मानकों का पालन और मौसम की स्थिति की गहन समीक्षा अत्यंत आवश्यक है।


 

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