देहरादून: लोन बीमा राशि के लिए भटक रही महिला को मिला न्याय, बैंक की काटी गई 17 लाख की आरसी
देहरादून। आमतौर पर बैंकों द्वारा लोन की किश्त न चुकाने पर ग्राहकों की संपत्ति नीलाम करने की प्रक्रिया में देरी नहीं की जाती, लेकिन इस बार एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां उल्टे बैंक की ही रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) काट दी गई। यह मामला देहरादून के डीसीबी बैंक प्राइवेट लिमिटेड (क्रास रोड) से जुड़ा है, जहां एक महिला अपने पति की मृत्यु के बाद बीमा राशि के लिए लंबे समय से परेशान थी।
चंद्रबनी निवासी शिवानी गुप्ता ने जिलाधिकारी सविन बंसल की जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि उनके पति रोहित गुप्ता का निधन वर्ष 2024 में हो गया था। रोहित ने भवन निर्माण के लिए डीसीबी बैंक से 15.5 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसका बीमा आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के माध्यम से करवाया गया था। बीमा शर्तों के अनुसार, रोहित के निधन के बाद लोन की किश्तों का भुगतान बंद होना था और आश्रित को बीमा राशि मिलनी थी।
हालांकि, बैंक ने बीमा राशि का भुगतान करने के बजाय शिवानी पर बकाया लोन की किश्त जमा करने का दबाव बनाया। इस पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने पहले बैंक को बीमा राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक द्वारा आदेशों का पालन न करने पर जिलाधिकारी ने 17 लाख 5 हजार रुपये की रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर बैंक पर चस्पा कर दी।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि यदि बैंक 16 जून तक बकाया राशि का भुगतान नहीं करता, तो प्रशासन भू-राजस्व बकाए की तरह संपत्ति नीलाम कर वसूली की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस कार्रवाई से शिवानी गुप्ता को न्याय मिला है, और यह मामला बैंकों के लिए एक मिसाल बन गया है।



