**देहरादून: 5 जून 2025। राज्य सूचना आयोग ने स्पष्ट किया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) केवल भारत के आम नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है, न कि किसी यूनियन, संस्था, संगठन या निकाय को। आयोग ने यह टिप्पणी रुद्रपुर निवासी हरेंद्र सिंह द्वारा दायर एक अपील की सुनवाई के दौरान की। हरेंद्र सिंह ने करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष के रूप में RTI आवेदन दाखिल किया था, जिसे आयोग ने नियमों के खिलाफ पाया।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी यूनियन पदाधिकारी यूनियन के नाम पर सूचना नहीं मांग सकता। वह केवल व्यक्तिगत रूप से, एक नागरिक के तौर पर ही सूचना के लिए आवेदन कर सकता है। आयोग ने पाया कि हरेंद्र सिंह का आवेदन यूनियन के लेटरहेड पर और यूनियन के कार्यालय पते के साथ दाखिल किया गया था। लोक सूचना अधिकारी (PIO) और प्रथम अपीलीय अधिकारी (FAA) ने इस त्रुटि को नजरअंदाज कर नियमों के अनुसार कार्रवाई नहीं की।
**आयोग के प्रमुख निष्कर्ष:**
– RTI अधिनियम के तहत केवल कोई व्यक्ति (नागरिक) ही सूचना मांग सकता है, कोई संस्था या यूनियन नहीं।
– यूनियन या संस्था का कोई पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से सूचना मांग सकता है, लेकिन यूनियन के लिए नहीं।
– प्रथम अपीलीय अधिकारी ने आवेदन की वैधता की जांच किए बिना निर्णय लिया, जो RTI नियमों का उल्लंघन है।
**अपीलकर्ता को निर्देश:**
आयोग ने अपीलकर्ता हरेंद्र सिंह को निर्देश दिया कि भविष्य में RTI आवेदन यूनियन के नाम पर न देकर, व्यक्तिगत रूप से एक नागरिक के तौर पर दाखिल करें। यूनियन के लिए सूचना मांगना RTI अधिनियम के तहत वैध नहीं है।
यह निर्णय RTI अधिनियम के दायरे और इसके उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण स्पष्टता प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सूचना का अधिकार केवल व्यक्तिगत नागरिकों तक सीमित रहे।